“किसानों के हक में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन: 20 सितंबर को भोपाल समेत मध्य प्रदेश के हर कोने में उमंग सिंघार ने दी बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील
Bhopal, मध्य प्रदेश: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में सरकार पर किसानों के प्रति वादे तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लागत और मूल्य आयोग की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमतों को कम आंका गया है, जबकि वास्तविकता इससे अलग है।
किसानों के प्रति सरकार की अनदेखी
जीतू पटवारी का कहना है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र भारत में सोयाबीन उत्पादन के दो प्रमुख प्रांत हैं, लेकिन मोदी सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री किसानों के प्रति धोखा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस 20 सितंबर को राजधानी भोपाल समेत पूरे प्रदेश में किसानों के हक में विशाल धरना-प्रदर्शन करेगी।
धरना-प्रदर्शन का आह्वान
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने किसानों से बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि सरकार ने किसानों से गेहूं और धान की खरीद का वादा किया था, लेकिन नौ महीने बीत जाने के बावजूद यह वादा पूरा नहीं हुआ। इसलिए, किसान अब “किसान न्याय यात्रा” निकाल रहे हैं।
सरकार के वादों की अनदेखी
पटवारी ने यह भी बताया कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये और धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि 20 साल पुरानी भाजपा सरकार अपने ही वादों को पूरा नहीं कर पा रही है।
धरना-प्रदर्शन की रणनीति
20 सितंबर को कांग्रेस के किसान न्याय यात्रा में भोपाल जिले के किसान और कांग्रेस नेता रातीबड़ में एकत्र होंगे। इसके साथ ही, हर जिले में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उमंग सिंघार ने ट्विटर पर अपील करते हुए लिखा है कि यह धरना किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए है।
किसानों की मुख्य मांगें
कांग्रेस सरकार से मांग कर रही है कि किसानों को समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए और सोयाबीन की कीमत 6000 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की जाए। इस मांग के साथ, हर जिले में “किसान न्याय यात्रा” निकाली जा रही है।
सरकार के प्रति नाराज़गी
कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश के किसान सरकार से नाराज़ हैं और गठन के नौ महीने बीत जाने के बावजूद उनके साथ किए गए वादे पूरे नहीं किए गए हैं। इसलिए, कांग्रेस यह लड़ाई किसानों के हक में लड़ रही है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
निष्कर्ष
20 सितंबर को होने वाला यह धरना-प्रदर्शन कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों की समस्याओं को उजागर करेगा। कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया है कि यह लड़ाई केवल किसानों के लिए नहीं, बल्कि उनके हक और अधिकारों के लिए है। इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को शासन के समक्ष रखना है, ताकि उन्हें उचित न्याय मिल सके।